Munda, Kakori, Lucknow
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किसान मजदूर आये दिन आत्महत्या को मजबूर हैं

उनके परिवारों का भविष्य अंधकारमय और शोषण का निवाला है

किसान मजदूर संघर्ष पार्टी (केएमसपी) भारत के किसान और मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी है। आजादी के छः दशक बीतने के बाद भी भारत की कोई राजनैतिक पार्टी सत्ता में रहने के बाद भी किसान मजदूरों की दुर्दशा पर सिवाय छलावे के गंभीरता से विचार करती नही दिखती। राजनेनाओं की संपत्ति में हजारों गुना बढ़ गयी, दलों के फंड जमीन से आसमान पर पहुंच गये, लेकिन इन्होने कभी भारत की सबसे बड़ी आबादी मजदूर-किसानों के हितों के बारे में मूलभूत कार्य नही किये और वे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
किसान मजदूर आये दिन आत्महत्या को मजबूर हैं। उनके परिवारों का भविष्य अंधकारमय और शोषण का निवाला है। उनकी फसलों का सही मूल्य नही मिलता। देश के मजदूरों को रोजगार नही। हर वर्ष करोड़ों बेरोजगार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। किसान मजदूर संघर्ष पार्टी का ध्येय है कि हम भारत की जनता के बीच से उन संघर्षशील चेहरों को आगे लेकर आयें जो भारत के किसान मजदूरों के लिए तन-मन-धन से समर्पित होकर इस मिट्टी का कर्ज उतार सकें, जिसमें हम सभी को एक दिन मिल जाना है।
किसान मजदूर संघर्ष पार्टी का ध्येय है कि हम भारत की जनता के बीच से उन संघर्षशील चेहरों को आगे लेकर आयें जो भारत के किसान मजदूरों के लिए तन-मन-धन से समर्पित होकर इस मिट्टी का कर्ज उतार सकें, जिसमें हम सभी को एक दिन मिल जाना है।

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हनुमान प्रसाद मिश्रा (एचपी भूदर)

राष्ट्रीय अध्यक्ष

किसान मजदूर संघर्ष पार्टी (केएमएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय एच.पी .भूधर खुद एक किसान परिवार से हैं, हाड़तोड़ मेहनत कर फसल को उगाकर फिर उसे मिल मालिकों को उधार या दलालों के हाथों बीच कम दामों पर बिकता देख इनका हृदय फट पड़ता।
बढ़ते भ्रष्टाचार के बीच, कोर्ट-कचहरी, थाने-पुलिस और सरकारी महकमों के मनमाने रवैये में किसान मजदूरों को पिसता देखकर इनका मन करूणा से भर उठता और ये उनके हितों के संघर्ष के लिए जुट जाते। उनके निःस्वार्थ भाव से किये गये संघर्ष ने उन्हे पहचान दी उन्हे पूर्व प्रधानमंत्री मा0 चन्द्रशेखर जी के निकटतम सहयोगी सोशलिस्ट पार्टी के नेता ओंकार सिंह ने एक राजनीतिक दल का गठन कर किसानों मजदूरों के लिए संघर्ष करने की सलाह दी, फिर क्या था हनुमान प्रसाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की खाक छानने निकल पड़े। लोग उनके इस फैसले का उपहास उड़ाते कि पार्टी बनायेंगे, लेकिन अब ये फैसला उनका जूनून बन गया और उत्तर प्रदेश के सोलहवें विधानसभा चुनाव 2012 में गोण्डा की मेहनौन विधानसभा से र्निदलीय प्रत्याशी के रूप में किसान मजदूर संघर्ष पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा। चुनाव निशान था कोट। हार भी हनुमान प्रसाद का हौसला कमजोर नही कर सकी। पार्टी पंजीकरण के लिए उन्होने राजधानी के एक अनुभवी वकील से संपर्क किया लेकिन वो इन्हे गुमराह करता रहा और इसमें उन्हे लम्बा समय निकल गया लेकिन इरादा मजबूत होता गया। उन्होने एक बार फिर से सत्रहवें विधानसभा चुनाव 2012 में गोण्डा की मेहनौन विधानसभा से र्निदलीय प्रत्याशी के रूप में किसान मजदूर संघर्ष पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा। हार हुई लेकिन इस बार उनके इन संघर्षों को देखकर उनके कुछ साथियों ने उनका साथ देने की ठान ली और पार्टी गठन और पंजीकरण का काम युवा पत्रकार सौरभ कुमार शुक्ल ने अपने हाथ में लिया और पार्टी गठन कर जून 2016 में फाइल दिल्ली भेज दी, लेकिन महज एक दिन की देरी से गठन की सूचना देने की वजह से भारत र्निवाचन आयोग ने फाइल टाइम बार्ड कर दी, सभी पदाधिकारी दिल्ली गये लेकिन कोई निष्कर्ष नही निकला।
एक बार फिर से पुनः सभी दस्तावेज बनाये गये और दिनांक 21 नवंबर 2016 को पार्टी का गठन कर दस्तावेज भारत र्निवाचन आयोग नई दिल्ली भेज दिये, बहुत उतार चढ़ाव आये, धन की कमी से गुजरे, लेकिन इरादा फौलाद हो गया और सभी मुश्किलों से संघर्ष करते हुए भारत र्निवाचन आयोग ने दिनांक 07 दिसंबर 2017 को किसान मजदूर संघर्ष पार्टी (केएमएसपी) को राजनैतिक दल के रूप में पंजीकृत कर 56/161/2017-17/रा0द0अनु0-1 संख्या प्रदान कर दी। अब जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी। सबसे पहले जातिप्रथा के खिलाफ हनुमान प्रसाद मिश्र ने अपना नया नाम धारण किया।
एच.पी. भूधर (मिट्टी को धारण करने वाला या मिट्टी में मिलने वाला) अब यही उनकी पहचान है और उनका यही ध्येय है कि यह शरीर भारत की मिट्टी और किसान मजदूरों को समर्पित है।

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Welcome To किसान मजदूर संघर्ष पार्टी (केएमसपी)

किसान मजदूर संघर्ष पार्टी (केएमसपी) भारत के किसान और मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी है। आजादी के छः दशक बीतने के बाद भी भारत की कोई राजनैतिक पार्टी सत्ता में रहने के बाद भी किसान मजदूरों की दुर्दशा पर सिवाय छलावे के गंभीरता से विचार करती नही दिखती। राजनेनाओं की संपत्ति में हजारों गुना बढ़ गयी, दलों के फंड जमीन से आसमान पर पहुंच गये, लेकिन इन्होने कभी भारत की सबसे बड़ी आबादी मजदूर-किसानों के हितों के बारे में मूलभूत कार्य नही किये और वे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। किसान मजदूर आये दिन आत्महत्या को मजबूर हैं। उनके परिवारों का भविष्य अंधकारमय और शोषण का निवाला है। उनकी फसलों का सही मूल्य नही मिलता। देश के मजदूरों को रोजगार नही। हर वर्ष करोड़ों बेरोजगार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। किसान मजदूर संघर्ष पार्टी का ध्येय है कि हम भारत की जनता के बीच से उन संघर्षशील चेहरों को आगे लेकर आयें जो भारत के किसान मजदूरों के लिए तन-मन-धन से समर्पित होकर इस मिट्टी का कर्ज उतार सकें, जिसमें हम सभी को एक दिन मिल जाना है।

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